www.prabhatkhabar.com ओपन ग्राफ प्रीव्यू


https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/electricity-can-be-expensive-in-bihar-companies-lighting-houses-gave-reason-mdn

गूगल स्निपेट

electricity can be expensive in bihar companies lighting hou
https://www.prabhatkhabar.com
बिहार में बिजली कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादन इकाइयों से खरीदी जा रही बिजली की ल

ट्विटर कार्ड

electricity can be expensive in bihar companies lighting hou बिहार में बिजली कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादन इकाइयों से खरीदी जा रही बिजली की लागत हर साल बढ़ रही है. 2021-22 में जहां बिजली खरीद की प्रति यूनिट लागत 5.25 रुपये थी. | सुमित कुमार, पटना बिहार में बिजली कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादन इकाइयों से खरीदी जा रही बिजली की लागत हर साल बढ़ रही है. 2021-22 में जहां बिजली खरीद की प्रति यूनिट लागत 5.25 रुपये थी, वह 2023-24 में 20 फीसदी बढ़ कर 6.30 रुपये प्रति यूनिट होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें प्रस्तावित 22 फीसदी ट्रांसमिशन लॉस को जोड़ दिया जाये तो बिजली खरीद दर बढ़ कर करीब 7.50 रुपये तक हो जायेगी. फिलहाल राज्य सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है. दोनों बिजली आपूर्ति कंपनियों ने 2021-22 में बिजली खरीद पर 17877 करोड़ खर्च किये थे, मगर 2023-24 में ऊर्जा खरीद पर 21836 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें केंद्रीय उत्पादन इकाइयों से मिलने वाली बिजली की लागत ~4.32 प्रति यूनिट से ~5.68 प्रति यूनिट, राज्य उत्पादन इकाइयों से मिलने वाली बिजली की लागत ~5.39 प्रति यूनिट से बढ़ कर ~7.03 प्रति यूनिट और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों से मिलने वाली बिजली की लागत ~3.37 प्रति यूनिट से बढ़ www.prabhatkhabar.com

Facebook

www.prabhatkhabar.com
electricity can be expensive in bihar companies lighting hou
बिहार में बिजली कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादन इकाइयों से खरीदी जा रही बिजली की लागत हर साल बढ़ रही है. 2021-22 में जहां बिजली खरीद की प्रति यूनिट लागत 5.25 रुपये थी. | सुमित कुमार, पटना बिहार में बिजली कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादन इकाइयों से खरीदी जा रही बिजली की लागत हर साल बढ़ रही है. 2021-22 में जहां बिजली खरीद की प्रति यूनिट लागत 5.25 रुपये थी, वह 2023-24 में 20 फीसदी बढ़ कर 6.30 रुपये प्रति यूनिट होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें प्रस्तावित 22 फीसदी ट्रांसमिशन लॉस को जोड़ दिया जाये तो बिजली खरीद दर बढ़ कर करीब 7.50 रुपये तक हो जायेगी. फिलहाल राज्य सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है. दोनों बिजली आपूर्ति कंपनियों ने 2021-22 में बिजली खरीद पर 17877 करोड़ खर्च किये थे, मगर 2023-24 में ऊर्जा खरीद पर 21836 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें केंद्रीय उत्पादन इकाइयों से मिलने वाली बिजली की लागत ~4.32 प्रति यूनिट से ~5.68 प्रति यूनिट, राज्य उत्पादन इकाइयों से मिलने वाली बिजली की लागत ~5.39 प्रति यूनिट से बढ़ कर ~7.03 प्रति यूनिट और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों से मिलने वाली बिजली की लागत ~3.37 प्रति यूनिट से बढ़
ऊपर