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ghamur holi of saharsa bihar has a different identity see th
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सहरसा जिले के बनगांव की घुमौर होली की पहचान देश में अलग ही है. इसमें लोग एक दूसरे के क
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ghamur holi of saharsa bihar has a different identity see th
सहरसा जिले के बनगांव की घुमौर होली की पहचान देश में अलग ही है. इसमें लोग एक दूसरे के कंधे पर सवार होकर, जोर अजमाइस करके होली मनाते है. संत लक्ष्मी नाथ गौसाई द्वारा शुरू की गयी बनगांव की होली ब्रज की लठमार होली की तरह ही प्रसिद्ध है. | बिहार के चारो तरफ होली की आज धूम है. रंग-गुलाल में सभी लोग सराबोर है. वहीं, सहरसा जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर पश्चिम कहरा प्रखंड के बनगांव में मनाई जाने वाली घमौर होली की अपनी अलग पहचान है. यहां की होली ब्रज की होली की जैसी बेमिसाल है. बनगांव की घुमौर होली. इसमें लोग एक दूसरे के कंधे पर सवार होकर, जोर अजमाइस करके होली मनाते है. संत लक्ष्मी नाथ गौसाई द्वारा शुरू की गयी बनगांव की होली ब्रज की लठमार होली की तरह ही प्रसिद्ध है.
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सहरसा जिले के बनगांव की घुमौर होली की पहचान देश में अलग ही है. इसमें लोग एक दूसरे के कंधे पर सवार होकर, जोर अजमाइस करके होली मनाते है. संत लक्ष्मी नाथ गौसाई द्वारा शुरू की गयी बनगांव की होली ब्रज की लठमार होली की तरह ही प्रसिद्ध है. | बिहार के चारो तरफ होली की आज धूम है. रंग-गुलाल में सभी लोग सराबोर है. वहीं, सहरसा जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर पश्चिम कहरा प्रखंड के बनगांव में मनाई जाने वाली घमौर होली की अपनी अलग पहचान है. यहां की होली ब्रज की होली की जैसी बेमिसाल है. बनगांव की घुमौर होली. इसमें लोग एक दूसरे के कंधे पर सवार होकर, जोर अजमाइस करके होली मनाते है. संत लक्ष्मी नाथ गौसाई द्वारा शुरू की गयी बनगांव की होली ब्रज की लठमार होली की तरह ही प्रसिद्ध है.
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